neem karoli baba-नीम करोली बाबा

neem karoli baba-नीम करोली बाबा

neem karoli baba-नीम करोली बाबा| ऐपल के मालिक स्टीव जॉब्स जब उनकी मृत्यु हुई थी ना तो मरने के टाइम पर इनके तकिए के नीचे एक ऐसे इंसान की फोटो थी जो कि भारत के ही रहने वाले थे| जिन्हें लोग कोई नॉर्मल इंसान नहीं बल्कि स्वयं बजरंगबली के अवतार के नाम से जानते थे| उनका नाम नीम करोली बाबा था| केवल स्टीव जॉब्स इन नहीं बल्कि बड़े-बड़े हॉलीवुड सितारे भी इन्हे जानते थे| नीम करोली बाबा यह इतने ज्यादा चमत्कारी बात है कि इन्होंने पानी को घी में बदल दिया था|

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नीम करोली बाबा वह बाबा थे जिन्हें एक बार जब ट्रेन से उतार दिया गया था तो जू-ट्रेन थी वह बीच घने जंगल से आगे भी नहीं बढ़ पा रही थी| नीम करोली बाबा इतने चमत्कारी पुरुष थे कि आज भी देश विदेश के बड़े-बड़े लोग पढ़े-लिखे लोग जो लोग विज्ञान से बहुत हद तक जुड़े हुए हैं वह भी उन्हे मानते थे| नीम करोली बाबा जो बचपन में जो पैदाइश इनका नाम था लक्ष्मी नारायण जी| इनका जन्म सन उन्नीस सौ के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर नाम के गांव में हुआ था| केवल 11 वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह हो गया था| लेकिन विवाह के कुछ दिनों बाद यह जो मन है वह सांसारिक सुखों से उठता चला गया था| एक तरीके से देखा जाए तो वह जीवन को बहुत अच्छे से समझ चुके थे|

उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और घर छोड़कर कहीं बहुत दूर चले गए| घर छोड़कर जाने की कुछ सालों बाद एक बुजुर्ग आदमी रहे होंगे उनको यह दिखाई दिए और वहीं के जानकार थे| इन्होंने लक्ष्मीनारायण जी के पिताजी को बताया कि आपका जो बेटा है वह इन हालातों में यहां पर रहता है वह घर पर बुला लो| पिताजी को जब पता चला तो वह अपने पुत्र मोह से बच नहीं पाए और उन्हें जल्दी से जल्दी अपने बेटे को अपने घर पर बुला लिया| घर में वापस आने के बावजूद भी अपना मन नहीं लगा पा रहे थे इसलिए में उसके बाद वह फिर से अपने घर को सबको पता कर छोड़े और इस बार उन्होंने एक ऐसा रास्ता अपनाया जिससे वह कभी लौटकर वापस नहीं है|

इन्होंने अपने जीवन में काफी सारे मंदिरों का निर्माण कराया| कैंची धाम का निर्माण कराया जो कि नैनीताल में है और इतना शुद्ध चमत्कारी मंदिर बजरंगबली का मंदिर है| जब स्टीव जॉब्स बेरोजगार थे है इनके पास कुछ नहीं था इनको समझ में नहीं आ रहा था कि जीवन में करना क्या है, वह भारत आए, नीम करोली बाबा के कैची धाम मंदिर में आए | जब वह यहां पर आए तो थोड़ा लेट हो चुके थे क्योंकि उस समय बाबा अपनी समाधि ले चुके थे केवल एक साल पहले लेकिन केवल बुध हम में आने के बाद धाम के दर्शन के बाद जब स्टीव जॉब्स वापस अमेरिका लोटे तो मालूम कि बड़े-बड़े जो आईडियाज उसके दिमाग में आने लगे और फिर उसके बाद देखा जाए तो एप्पल कंपनी का निर्माण उन्होंने कर दिया|

आज भी बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि एप्पल कंपनी किसी और के बदौलत नहीं बल्कि नीम करोली बाबा के आशीर्वाद की वजह से ही चलिए चालू हुई और यह खुद स्टीव जॉब्स ने काफी सारे इंटरव्यू में कहा है| दरअसल एक बार की बात है नीम करोली बाबा थोड़े बड़े हो गए थे अपने जीवन के शुरुआती दिनों को काट रहे थे तो एक जगह से दूसरी जगह जाना था तो इसके लिए ट्रेन का उपयोग कर रहे थे| उस समय उनके पास ज्यादा पैसे नहीं हुआ करते थे तो वह ट्रेन की टिकट ले नहीं पाए और बिना टिकट के ही ट्रेन में चढ़ है ट्रेन चली जा रही थी टीसी आया सबकी तिकीट देखणे लगा| चेक करते हो बाबा के पास पहुंचा बाबा की टिकट देखा टिकट तो थी नही, उतना ज्यादा गुस्से में आ गया कि उसने तुरंत ट्रेन की चेन खींची और बाबा को बीच घने जंगल में नहीं छोड़ता|

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अब क्या था ट्रेन वापस चली थी सभी लोगों को पता चल गया तो यह ब्रिटिश जमाने की बात है ट्रेन में ज्यादा लोग सवार भी नहीं थे तो लोग पता चल गया था कि अच्छा को आदमी है उसको ट्रेन से उतारा गया है डीसी बहुत गुस्से में है इस वजह से ट्रेन को रोका गया हें| ट्रेन के आगे बढ़ने का समय ट्रेन चालू ही नहीं हुई…. आप सभी लोग हैरान… ट्रेन आगे बढ़ी नहीं पा रही.. पता नहीं क्या परेशानियों के किसी को समझ में नहीं आ रहा था| आधे घंटे बीत गए…. तीन चार घंटे हुवे.. बाबा किनारे में खड़े हुए यह सब कुछ देख रहे थे इसके बाद ट्रेन में कोई सवार था वह अब बाबा कुछ जानता था उसने बोल दिया आपने कितनी बड़ी गलती की है… अगर आप चाहते हैं कि ट्रेन अपनी जगह से आगे बढ़ जाए तो बाबा को बनाई है और वापस से ट्रेन में बैठा लिए तभी ट्रेन आगे बढ़ पाएगी मेरी बात मान है इसी में सबकी भलाई हें , एक बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है|neem karoli baba-नीम करोली बाबा

इसके बाद क्या था टीसी ने सोचा कि शायद यह हो सकता है,’ उससे गलती हुई है, टीसी जाता है और बाबा से माफी मांगते हैं और बोलते हैं कि आप ट्रेन में बैठ जाइए वरना यह ट्रेन आगे नहीं बढ़ पाएगी| बाबा ने कुछ नहीं कहे बार-बार वह लोगों ने बाबा के सामने विनती की| केवल एक शर्त मैं यहां से ट्रेन में वापस चलूंगा शर्त यह है कि… इस जगह पर एक स्टेशन रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया जाए| बस अवसर कि आदित्य अफसरों ने मंजूरी दे दिए| बाबा बैठ गए…. बाबा के चढ़ते से ट्रेन चालू हो गई और फिर उसके बाद आगे बढ़ी| आज उस जगह पर सही में एक रेलवे स्टेशन है जिसका नाम है नीबकरोरी|

एक बार की बात है बाबा अपने धाम में थे और एक बहुत बड़ा भंडारा कराया जा राहा था| बहुत सारे भक्त दूर दूर से आए हुए थे| भंडारे में प्रसाद को बनाने के लिए जो घी होता है वह खत्म हो गया | सब लोग चिंता में आ गई कि सामने इतने सारे भक्तगण है और अचानक से घी खतम हो गया तो प्रसाद तो बन नहीं पाएगा| बाबा को जब यह बात पता चली तो बाबा ने बोले कि ज्यादा परेशान मत हो… एक आदमी को इशारा करके अपने पास बुलाया बोले कि जाओ कुछ लोगों को एक साथ लेकर और नीचे ही ईश्वर नदी बह रही है वहां में डबो से पानी भरकर लेके आ जाओ| सारी चीजों का इंतजाम हो जाएगा फिक्र मत करो.. बस मन में राम नाम जपते हैं| बाबा खुद राम नाम हर समय जपते रहते थे|

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सभी लोग डिब्बे पकड़े और नीचे नदी की तरफ चले गये| नदी से पानी भरे.. जब वापस लौटे.. डबो को वापस से खोले बाबा के सामने तो पानी के डब्बे घी में तब्दील हो चुके थे| सभी लोग हरा श्री राम बजरंगबली और नीम करोली बाबा के जयकार के नारे लगना शुरू हो गए| भक्तों के सामने बराबर मात्रा में प्रसाद का वितरण हुआ|neem karoli baba-नीम करोली बाबा

एक बार की बात है,’ एक दंपत्ति हुआ करते थे| उनका जो बेटा था वह द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार का साथ दे रहा था| भूटान में तैनात था और युद्ध खतरनाक तरीके से चल रहा था| काफ़ी समय बीत गया और बेटा वापस नहीं आ रहा था दंपत्ति बड़े ही ज्यादा दुखी थे| एक दिन बाद उनके घर पर आ गए आप सभी लोग परेशान कि बाबा कैसे हमारे घर पर आ गए| बाबा बोले कुछ नहीं तुम्हारी याद आ रही थी इसलिए तुम्हारे घर पर आया हूं, कुछ खाना-वाना दे दो थोड़ी भूख लगी है| ये लोग बाबा के लिए अच्छा खाने बनाते हैं और अब आता है बाबा के सोने का समय.. बाबा बोलते कि आज मैं तुम्हारी घर पर सोउंगा| बाबा ने सामने वाले कमरे में एक ही बिस्तर बिछाए कंबल बिछाए और उसी में सोने लगे| कुछ ही समय बाद बाबा दर्द से कराहने लगे, हाथ पर कराहते रहे करवटें बदलते रहे, जो दंपति थे परेशान हो गए..’ बाबा क्या इतने ज्यादा तड़प रहे हैं| वह जाकर बाबा को उठा भी नहीं सकते थे क्योंकि की बाबा कि निंद खराब हो जाती|

बाबा के सामने बैठे रहे| जब सुबह हुई तो बाबा उठे और ओ कंबल उन्होंने फोल्ड किए और उनके हात मे थमा दीए | बाबा बोले यह कंबल को लेकर तुम गंगा नदी में जाकर इसका विसर्जन कर दो| ध्यान रहे इस कंबल को खोलकर मत देखना रास्ते में कुछ भी हो जाए और हां ध्यान रहे यह काम करने के ठीक 1 महीने बाद तुम्हारा बेटा सही सलामत घर पर लौटकर वापस आ जायेगा| ठीक 1 महीने में बेटा वापस आएगा कोई परेशानी नहीं होगी| बस बाबा ऐसा कहकर वहां से निकल जाते हैं| वह लोग इस कंबल उठाते हैं और गंगा नदी की तरफ बढ़ जाते हैं|

जब वह रास्ते में नदी की तरफ जा रहे थे तो कंबल का भार लगातार बढ़ते जा रहा था और तट पर पहुंचते-पहुंचते वह बहुत ही ज्यादा भारी हो गया था इतना जादा भारी के उसमे बहुत सारी कोई लोहे की वस्तुएं रखी हुई है| लेकिन बाबा की माने तो उन्होंने खोल कर नहीं देखा और फिर उसको कंबल को विसर्जन कर दिया| बस उस दिन के बाद सुन लो फिर थोड़ी कम हुई है कि बाबा ने आश्वासन दिया था कि बेटा ठीक 1 महीने बाद लौटकर जरूर आएगा| ठीक 1 तो आप उस तारीख से ठीक 30 दिन बाद बेटा घर पर वापस लौट कर आया|neem karoli baba-नीम करोली बाबा

केवल लौटकर नहीं आया बल्कि बेटे ने एक ऐसी बात बताई जिसे सुनकर उनके पैरों तले जमीन निकल गई| बेटे ने बताया कि इस तारीख की बात है रात का वक्त था अचानक से हमारी टुकड़ी के ऊपर दुश्मनों ने हमला कर दिया और लगातार गोलियों की बारिश की| मेरे जितने भी साथी थे सभी लोगों की गोली लग कर मृत्यु हो गई मैं भी उनके साथ था लेकिन पता नहीं किया ऐसा चमत्कार हुआ कि एक भी गोली मुझे छू भी नहीं पाई| मुझे गोलियां लगने की रही थी मैं तो सारी उम्मीदें त्याग चुका था| मुझे यकीन था कि आज मेरी मृत्यु हो जाएगी लेकिन मुझे कुछ भी नहीं हुआ|

बेटे ने बोला कि मानो मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई है जो मेरी जगह पर सारी गोलिया झेल रही हें ,’ यह बात सुनने उन लोगों के पैरों तले जमीन निकल गई क्योंकि उस रात की बात है जिस रात नीम करोली बाबा उनके घर पर आए हुए थे और इस तरह से दर्द से काप रहे थे|neem karoli baba-नीम करोली बाबा

एक बार की बात बताता हूं फेसबुक कंपनी नीलाम होने वाली थी| मार्क झुकरबर्ग काफी ज्यादा परेशान में थे कि क्या किया जाए, क्या किया जाए| तो उन्होंने अपने दोस्त से बात की, दोस्त कौन.. स्टीव जॉब्स| स्टीव जॉब्स के पास अपनी परेशानी लेकर गए थे| स्टीव जॉब्स ने कहा कि भारत में मंदिर है नैनीताल के इलाके में जिसे कैंची धाम कहा जाता है| नीम करोली बाबा का यह धाम है| वहां पर जाओ वहां पर जरूर तुम्हे अपनी परेशानी का हल मिलेगा, सारी चिंता खत्म होगी और यह फेसबुक है देख लेना इस मंदिर में जाने के बाद विश्व व्यापी बन जाऊंगा| मार्क झुकरबर्ग ने अपने दोस्त की बात माने और वह काफी हजार किलोमीटर का सफर कर यहां पर पहुंचे|

बाबा के धाम गए वहां पर लोगों को देखें| बाबा तो अभी तक समाधि ले चुके थे लेकिन वहां से लौटने के बाद परिस्थिती ऐसे हुई कि फेसबुक कंपनी तरक्की करने लगी और बिकने वाली कोई उम्मीद नहीं आई| आज फेसबुक कहां स्टंट करती है आप सभी लोगों को पता है और यह बात खुद मार्क झुकरबर्ग ने एक इंटरव्यू में मोदी जी से करें| नरेंद्र मोदी एक बार फेसबुक के हेड क्वार्टर गए हुए थे और उसे इंटरव्यू के दौरान उस वार्तालाप के मार्क झुकरबर्ग मोदी जी को यह बात बताई थी| इसके बारे में भी इंटरनेट पर आप सभी लोगों पूरी जानकारी मिल जाएगी|

नीम करोली बाबा ने अपने जीवन में बहुत सारे मंदिरों का निर्माण कराया लेकिन जो धाम की बात करें तो केवल एक धाम नैनीताल में और एक धाम वृंदावन में बनवाया था| जब उनके देह त्याग करणे का समय आया तो ओ वृंदावन चले गये| वहीं पर उन्होंने अपना देह त्याग किया| वह हर समय राम का नाम लिया करते थे| उनके त्याग करने के बाद कि शांति पूरे विश्व में फेहली| बड़े-बड़े हॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी केवल बाबा की तस्वीर देख कर ही उनके मुरीद बने| जब उनको कुछ भी बाबा के बारे में नहीं पता था केवल तस्वीर देख लें और उनके भक्त बन गए थे| यह खुद काफी सारे सेलेब्रिटीज विश्वास करते हैं|neem karoli baba-नीम करोली बाबा

आप लोगों को मौका मिले तो नैनीताल के कैची धाम जहां पर बजरंग बली की मूर्ति स्थापित है| नीम करोली बाबा का यह धाम कहा जाता है वहां पर जरूर जाइए दर्शन करके आइए| मुझे यकीन है कि आपकी जिंदगी में अगर किसी भी तरह की कोई भी परेशानी चल रही है तो परेशानी जड़ से खत्म हो जाएगी और रियल चमत्कार आप अपनी आंखों से देखेंगे जो इतने बड़े-बड़े लोगों ने देखिए| neem karoli baba-नीम करोली बाबा हर-हर महादेव जय बजरंगबली की…..

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