motivational story in hindi

motivational story in hindi

motivational story in hindi एक समय की बात है पांच मेंढक एक साथ किसी जंगल से जा रहे थे| चलते चलते उन मेंडक में से तीन मेंढक एक बड़े से गड्ढे में गिर जाते हैं| पांच में से तीन मेंडक गड्ढे में गिर गए तो ऊपर दो बचे| गड्ढे में गिरने के बाद वह तीनों मेंढक ऊपर चढ़ने की बहुत कोशिश करते हैं लेकिन वो गड्ढा बहुत बड़ा था| उस गड्ढे से बाहर निकलना इतना आसान नहीं था| अब गड्ढे के ऊपर जो दो मेंढक बचे हुए थे वह गड्ढे के अंदर देखकर उन तीनों मेंढक से कहते हैं कि… अब तुम तीनों इस गड्ढे से कभी बाहर नहीं निकल सकते हो यह बहुत बड़ा गड्ढा है तो तुम्हारा कोशिश करना व्यर्थ है|

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यह सुनने के बाद उन तीनों मेंढक में से एक मेंढक को लगता है कि सही बोल रहे हैं यह गड्ढा बहुत बड़ा है और अब हम इसमें से कभी नहीं निकल सकते हैं| वह मेंढक थोड़ी कोशिश करने के बाद हार मान लेता है और उसी गड्ढे में एक जगह आराम से जाकर बैठ जाता है| अब बाकी जो दो मेंढक थे वह अभी भी ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे अब उन दोनों को देखकर ऊपर वाले मेंढक फिर से उन्हें यह कहते हैं कि तुम जो कोशिश कर रहे हो वह बेकार है तुम इस गड्ढे से कभी बाहर नहीं निकल सकते हो और अब तुम्हें अपनी सारी जिंदगी इसी गड्ढे में गुजारनी पड़ेगी|

अब यह सुनने के बाद जो दो मेंढक कोशिश कर रहे थे ऊपर चढने की उनमें से एक और मेंढक को यह लगता है कि यह सही बोल रहे हैं अब हम इस गड्ढे से कभी बाहर नहीं निकल सकते हैं और वह भी हार मानकर बैठ जाता है| लेकिन अभी भी उनमें से एक मेंढक ऊपर चढने की कोशिश कर ही रहा था| ऊपर वाले दो मेंढक उसे भी कहते हैं कि क्या तुम्हें सुनाई नहीं दे रहा है उन दोनों ने हार मान लिया है और तुम अभी भी यह सोच रहे हो कि तुम इस बड़े से गड्ढे से बाहर निकल सकते हो| वो ऊपर वाले दोनों मेंढक उसे बोलते रहे लेकिन उनकी बातों का उस मेंढक पर कोई असर नहीं हुआ और वह मेंढक कोशिश करता रहा और कोशिश करते करते वह उस गड्ढे से बाहर निकल गया|motivational story in hindi

अब उसे वह सारे मेंढक देख रहे थे कि यह बाहर कैसे निकल गया| वह मेंढक इस बड़े गड्ढे से इसीलिए बाहर निकला क्योंकि वह मेंढक बहरा था| उसे कुछ सुनाई नहीं देता था| तो इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम जिंदगी में कुछ अच्छा करते हैं तो बहुत लोग आते हैं हमें रोकने के लिए, तरह-तरह की बातें करते हैं लेकिन अगर आपको अपने काम में कामयाबी हासिल करनी है तो बहरे बन जाओ| उनकी बातों का अपने ऊपर कोई असर ही मत होने दो क्योंकि सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग|

लोग तब भी कहते जब आप कुछ नहीं करते हो और तब भी कहते हैं जब आप कुछ करते हो| चाहे आप कुछ करो या ना करो लोगों का काम है कहना और वह तो कहेंगे ही|

एक बार की बात है एक मूर्ति बनाने वाला आदमी जिसने अभी मूर्ति बनाना सिखा था वह अकेले एक जंगल से जा रहा था| जंगल में उसे एक बड़ा सा पत्थर दिखता है| वह आदमी उसे पत्थर को देखकर यह सोचता है की क्यों ना मैं इस पत्थर से भगवान की एक खूबसूरत मूर्ति बना लूं| उसे आदमी ने अभी-अभी मूर्ति बनाना सिखा था तो वह बहुत ही उत्सुक था मूर्ति बनाने के लिए| इसीलिए उसे जो भी अच्छा सा और बड़ा सा पत्थर दिखता वह उसे मूर्ति बनाने के बड़े में सोचता| उसे आदमी ने अपने बैग से छहनिं हथौड़ी निकाली और उसे पत्थर के पास मूर्ति बनाने के लिए बैठ गया|

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एक और अनोखी कहानी

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उसे पत्थर से आवाज आई मुझे दर्द हो रहा है| वो आदमी आवाज सुनकर हैरान हो गया| उसने फिर उस पत्थर पर छहनिं हथौड़ी से वार किया फिर से आवाज आई मुझे दर्द हो रहा है| उस आदमी ने आपना सामान उठकर वहा से चला गया| थोड़ा आगे जान के बाद उसे एक और बड़ा सा पत्थर दिखा| उसने फिर से उसे पत्थर को मूर्ति बनाने का सोचा और अपना समान निकालकर उसे पत्थर पर वार करने लगा|

उसे पत्थर को भी दर्द हो रहा था| लेकिन वह पत्थर चुप रहा और दर्द को सता रहा| थोड़ी डर के बाद उसे मूर्ति बनाने वाले ने उसे पत्थर से खूबसूरत मूर्ति बना दी| मूर्ति बनाने के बाद वह उसे वहीं छोड़कर आगे चला गया| वह गांव में पहुंच तो उसे पता चला की उसे गांव में एक नया मंदिर बना है जहां पर भगवान की मूर्ति की जरूर है| तो उसे मूर्ति बनाने वाले ने उसे गांव के लोगों से कहा की मैंने अभी-अभी जंगल में एक भगवान की खूबसूरत मूर्ति बनाई है| तुम कुछ लोग मिलकर जंगल में जो और उसे मूर्ति को इस मंदिर में स्थापित कर दो|motivational story in hindi

उसे गांव के लोगों ने जंगल में जाकर मूर्ति लाई और उसे मंदिर में स्थापित कर दिया| मूर्ति रखना के बाद गांव की एक आदमी ने कहा की मूर्ति का इंतजाम तो हो गया लेकिन अब नारियल फोड़ना के लिए एक बड़े से पत्थर की जरूर है| तभी उसे मूर्ति बनाने वाले ने कहा की तुमने जंगल में जहां से ही मूर्ति लाई है इस रास्ते से थोड़ा आगे जाओगे तो तुम्हें वहां पर एक बड़ा सा पत्थर भी मिल जाएगा| मंदिर में नारियल फोड़ना के लिए रख दिया|

एक दिन रात के समय मूर्ति और पत्थर आपस में बात कर रहे थे| पत्थर ने मूर्ति से कहा की तू कितना खुश है तेरी लोग पूजा करते हैं, तुझे सजाते हैं मानते हैं और मुझमें पर नारियल फोडते हैं, मुझे नारियल की वजह से दर्द होता है| तभी मूर्ति उसे पत्थर से बोली अगर उसे दिन तो उसे मूर्ति बनाने वाले का वार सहन कर लेता तो आज मेरी जगह तू होता और तेरी जगह में| लेकीन तुने ओ वार सहन नहीं किया इसलिए आज तुझ पर लोग नारियल फोडते हैं और मेरी पूजा करते हैं|

जिंदगी जीना आसन नहीं होता…
बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता….
जब तक एन पड़े हथौड़ी की चोट…
तो पत्थर भी भगवान नहीं होता|

इसलिए जब भी आपको लगे की आपकी जिंदगी में बहुत ज्यादा दर्द है, तकलीफ है, परेशानी है तो समझ जाइए कि इसी तकलीफ से आपके जीवन मे बदलाव होगा और इसके बाद आपके जीवन मे सिर्फ खुशिया होगी|motivational story in hindi

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