kiran bedi biography in hindi

kiran bedi biography in hindi

                   यह वही है जो अपने हर दर्द को भूलकर देशभक्ति की जुनून में बदल देती है| यह वही है जो प्रथम महिला आईपीएस बन कर नारी शक्ति का पूरे भारतवर्ष में ऐलान करती है| सुपर कॉप किरण बेदी को हम पहली महिला आईपीएस ऑफिसर कहते हैं| वह यूनाइटेड नेशन की पीसकीपिंग डिपार्टमेंट में एडवाइजर थी मैगसेसे अवार्ड पाने वाली वह पहली ऑफिसर है| इन्हें दिल्ली के ट्रैफिक सुधार के लिए भी जाना जाता है और तिहार जेल के कैदियों के सुधार के लिए भी जाना गया| किरण बेदी का सोशल वर्कर रिफॉम्रिस्ट ब्राइटर और कई भी चीजों में उनका योगदान है| इन्हें टेनिस प्लेयर के रूप में भी जाना जाता है|

kiran bedi biography in hindi

                 किरण बेदी जी का जन्म 9 जून 1949 में अमृतसर में एक पंजाबी परिवार में हुआ था| इनके पिता का नाम प्रकाश लाल पर सांवरिया और माता का नाम प्रेमलता था| इनके दादा के दादा जी लाला हरगोविंद पेशावर से अमृतसर आए थे जहां उन्होंने अपना टेक्सटाइल यानि कपड़ा का व्यापार स्थापित किया| बेदी जी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई 1954 में ‘सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल’ अमृतसर से किया| वह एनसीसी में भी रह चुकी है| उन्होंने कैंब्रिज कॉलेज प्राइवेट इंस्टीट्यूट से क्लास 10th पास की| किरण बेदी जी 1968 में गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वूमेन अट अमृतसर से ग्रेजुएशन पास किया| इंग्लिश ऑनर्स से और उसी वर्ष हुआ एनसीसी कैडेट ऑफिसर अवार्ड भी जीती|

एक और अनोखी कहानी

तुलसीदास का जीवन परिचय

                   1970 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से पॉलीटिकल साइंस से मास्टर की डिग्री ली| बेदी जी 1970 से 1972 तक ‘खालसा कॉलेज फॉर वूमेन’ अमृतसर में लेक्चरर के रूप में पढ़ाया| इन्होने 1988 में लॉ की डिग्री प्राप्त की, 1993 में उन्हों ने पीएचडी किया| आईआईटी दिल्ली इस डिपार्टमेंट ऑफ सोशल साइंस से ने अपने पिता से प्रेरित होकर बेदी जी ने नौ साल की उम्र में ही टेनिस खेलना शुरू कर दिया था| 1964 में उन्होंने अमृतसर के बाहर दिल्ली में अपना पहला टूर्नामेंट खेला वहां पर नेशनल जूनियर लॉन टेनिस चैंपियनशिप में भाग लिया| किरण बेदी जी 1965 से 1978 तक बहुत से अवार्ड जीती| बेदी जी उस भारतीय टीम का हिस्सा थी जिसने श्रीलंका को हराकर कोलंबों में लियोनेल फोंसेका मेमोरियल ट्राफी जीती| उन्होंने 30 साल तक की उम्र तक टेनिस खेलना जारी रखा| 16 जुलाई 1972 में बेदी जी ने मसूरी ने नेशनल अकैडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन में अपना पुलिस प्रशिक्षण शुरू किया| वह 80 पुरुषों के ब्याच में अकेली महिला थी| और पहली आईपीएस अधिकारी बनी| पांच-छह महीने के फाउंडेशन कोर्स के बाद उन्होंने राजस्थान के माउंट आबू में 9 महीने पुलिस प्रशिक्षण और 1974 में पंजाब पुलिस के साथ आगे का प्रशिक्षण किया| उन्हें केंद्रीय शासित प्रदेश यानी यूनियन टेरिटरी बैटरी को आवंटित किया गया था| बेदी जी की पहली पोस्टिंग 1975 में दिल्ली के चाणक्यपुरी उपखंड में हुई थी| उसी वर्ष हुआ 1975 में रिपब्लिक डे के सभी पुरुष दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं|

kiran bedi biography in hindi

एक और अनोखी कहानी

डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जीवनी

                    1989 में बेदी जी को दिल्ली के पश्चिमी जिले में तैनात किया गया था| जाहा इतनी बड़ी संख्या में अपराधिक गतिविधियों को संभालने के लिए पर्याप्त अधिकारी नहीं थे| वहां की क्षतिपूर्ति करने के लिए उन्होंने नागरिक स्वयं सेवकों की भर्ती शुरू कर दी है है इसके कारण वहां पर 3 महीने के भीतर अपराधों में कमी आ गई थी टीजिंग और घरेलू हिंसा से संबंधित मामलों में गिरावट आई| इससे उन्हें स्थानीय महिलाओं की सद्भावना मिली जिन्होंने क्षेत्र में अपराध से लड़ने में मदद करने के लिए स्वेच्छा से अपनी सेवाएं दी| अक्टूबर 1981 में बेदी जी को ट्रैफिक एसपी बनाया गया, 1984 में एशियन खेलों की तैयारी के दौरान शहर में ट्रैफिक जाम हो गया था| अपनी बेटी के इलाज के लिए बिना स्वीकृति अवकाश की अनुपस्थिति घोषित किए जाने के बाद बेदी जी को छह माह तक कोई कार्य नहीं दिया गया| जब उनकी बेटी की तबीयत अच्छी हो गई तो उन्हें यूनियन होम सेक्रेट्री टी एन चतुर्वेदी द्वारा बहाल कर दिया गया है| 1985 में पुलिस कमिश्नर वेद मारवाह ने बेदी जी के पुलिस हेडक्वॉर्टर में नियुक्त करने के लिए एक विशेष अनुरोध किया| वह बेदी जी ने कई लंबित फाइलों को मंजूरी दी और कर्मचारियों को पृथक करने के लिए एक ही दिन में 1600 पदो को मंजूरी दी थी| 1986 में बेदी जी दिल्ली के उत्तरी जिले के डीसीपी बनी, जहां प्राथमिक समस्या बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग था यहां पर उन्होंने इसके सुधार के लिए बहुत से कार्य किए|

kiran bedi biography in hindi

एक और अनोखी कहानी

titanic की कहानी

                       1980 के दशक में बेदी जी ने दिल्ली के राजनेताओं और वकीलों का गुस्सा आकर्षित किया| इसके बाद उन्हें मिजोरम ट्रांसफर कर दिया गया और उसके बाद उन्हें फिर दिल्ली आना पड़ा| क्वेश्चन ढूंढ सितंबर 1992 में मिजोरम को छोड़ने के बाद बेदी जी को नई पोस्टिंग के लिए आठ महीने इंतजार करना पड़ा| 1 मई 1993 में उन्हें दिल्ली कारागार में आईजी के रूप में तैनात किया गया| तिहाड़ से हटने के बाद बेदी जी को 4 मई 1995 को पुलिस एकेडमी में प्रशिक्षण प्रमुख के रूप में तैनात किया गया| उसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस के रूप में कार्य किया| बाद में उन्होंने दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त यानि स्पेशल कमिश्नर के रूप में कार्य किया| 5 अप्रैल 1999 को व चंडीगढ़ के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के रूप में नियुक्त हुई| 2003 में बेदी जी यूनाइटेड नेशंस सिविलियन पुलिस एडवाइजर नियुक्त होने वाली पहली महिला बनीं| उन्होंने पीसकीपिंग ऑपरेशंस विभाग में काम किया| बेदी जी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए नवंबर 2007 में पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दी| उन्होंने कहा कि वह अकादमी और सामाजिक कार्यों पर ध्यान देना चाहती हैं| बेदी जी 29 मई 2016 से 16 फरवरी 2021 तक लेफ्टिनेंट गवर्नर ऑफ पांडिचेरी रही| बेदी जी ने 9मार्च 1972 को ब्रिज बेदी जी से शादी की और उनकी बेटी का नाम साहिना है| बेदी जी को कई अवार्ड से नवाजा गया जैसे कैरेट ऑफिसर अवार्ड, एशिया रीजन अवार्ड, लाइन ऑफ द ईयर 1995, प्राइड ऑफ इंडिया, यूनाइटेड नेशन मेडल इत्यादि| धन्यवाद

एक और अनोखी कहानी

भगत सिंह का जीवन परिचय

एक और अनोखी कहानी

ए पी जे अब्दुल कलाम जीवन परिचय pdf

एक और अनोखी कहानी

thomas alva edison in hindi

Leave a Comment